गाँधी-इर्विन समझौता (Gandhi-Irwin Pact)
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- 1930 में, सविनय अवज्ञा आंदोलन के व्यापक स्वरूप से भारत और महात्मा गाँधी ने दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया। भारत में ब्रिटिश सरकार की भारतीयों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार के लिए आलोचना की गई। हजारों भारतीयों के साथ गाँधी जी और कई अन्य नेताओं को भी जेल में डाल दिया गया। वायसराय लॉर्ड इर्विन चाहते थे कि यह मामला ख़त्म हो जाये। लॉर्ड इर्विन ने भारतीय नेताओं से समझौता करने की सोची और शांति बहाली के लिए महात्मा गाँधी को 26 जनवरी 1931 को यरवदा जेल से रिहा कर दिया। प्रसिद्ध वकील तेज बहादुर सप्रू और एम० आर ० जयकार के प्रयासों से गाँधी जी एवं लॉर्ड इर्विन के मध्य शान्ति वार्ता आरंभ हुई और 5 मार्च 1931 को दोनों कुछ मुद्दों पर सहमत हुए जिसे ‘ गाँधी-इर्विन समझौता ‘ के नाम से जाना जाता है।
- गाँधी-इर्विन समझौता के प्रमुख बिंदु हैं
- कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेगी।
- समुद्र तटीय इलाकों में बिना सरकार को कर दिए नमक बनाने की अनुमति।
- महात्मा गाँधी कुछ शर्तों के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने को तैयार हो गए।
- इस आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए लोग, जिनके विरुद्ध हिंसा का आरोप नहीं था उनको जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा ।
- सरकारी नौकरियों से त्यागपत्र दे चुके भारतीयों पर सहानभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।
- कांग्रेसी शराब और विदेशी कपड़ों की दुकानों पर शांतिपूर्ण धरना दे सकते हैं।
- सरोजिनी नायडू ने गाँधी-इर्विन समझौते के परिपेक्ष्य में महात्मा गाँधी और लॉर्ड इर्विन को ‘ दो महात्मा ‘ की संज्ञा दी।
- गाँधी-इर्विन समझौता के परिपेक्ष्य में लॉर्ड इर्विन के जीवनीकार एलन कैंपबेल जॉनसन ने महात्मा गाँधी के लाभों को सांत्वना पुरस्कार एवं इर्विन के आत्म समर्पण के रूप में वर्णित किया है।
- इस समझौते ने भारतीय आम जनता को निराश किया क्योंकि इसमें भगत सिंह सुखदेव एवं राजगुरु को फाँसी न दिए जाने की जनता की मांग को सम्मिलित नहीं किया गया था।
- सुभाष चंद्र बोस तथा जवाहरलाल नेहरू गाँधी-इर्विन समझौता के पक्ष में नहीं थे क्योंकि इसमें ‘ पूर्ण स्वराज’ की मांग ( जैसा की कांग्रेस ने 1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘ पूर्ण स्वराज ‘ अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किया था)।
कांग्रेस का 46वां अधिवेशन : गाँधी-इर्विन समझौते को मंजूरी
- कांग्रेस का 46वां अधिवेशन सरदार वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में 26-31 मार्च 1931 को कराची में हुआ इसी अधिवेशन में गाँधी-इर्विन समझौते को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मंजूरी मिली।
- सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन -1931 को ‘ महात्मा गाँधी की लोकप्रियता और सम्मान की पराकाष्ठा ‘ माना है।
- इसी अधिवेशन में मूल अधिकार (समानता का अधिकार मुफ्त प्रारंभिक शिक्षा तथा भाषा लिपि और संस्कृति का संरक्षण का अधिकार) तथा आर्थिक कार्यक्रम (किसानों को सूदखोरों से बचाना, महिला मजदूरों के काम के घंटे तय करना तथा मजदूरों को अपना यूनियन बनाने की स्वतंत्रता) से संबंधित प्रस्ताव दिया गया जिसका प्रारूप जवाहरलाल नेहरू द्वारा तैयार किया गया था और एम० एन० राय ने इसमें सहयोगी की भूमिका निभाई थी।
‘ गाँधी-इर्विन समझौता ‘ के महत्वपूर्ण प्रश्न ( Gandhi-Irwin Pact Important Questions – PYQ’s)
Q.1: निम्नलिखित में से किसका स्थगन गाँधी-इर्विन समझौता में किया जाना प्रस्तावित था ?
[A] असहयोग आंदोलन
[B] खिलाफत आंदोलन
[C] गोलमेज सम्मेलन
[D] सविनय अवज्ञा आंदोलन
[D] सविनय अवज्ञा आंदोलन
Q.2: 5 मार्च, 1931 को निम्न में से कौन समझौता हुआ?
[A] इमरसन-गाँधी समझौता
[B] हैले-गाँधी समझौता
[C] इर्विन-गाँधी समझौता
[D] गाँधी-साइमन समझौता
[C] इर्विन-गाँधी समझौता
Q.3: गाँधी-इर्विन समझौते पर हस्ताक्षर हुए-
[A] 1931 में
[B] 1930 में
[C] 1942 में
[D] 1929 में
[A] 1931 में
Q.4: निम्नलिखित व्यक्तियों में किसने इर्विन तथा गाँधी को दो महात्मा कहा था ?
[A] मीरा बहन
[B] सरोजिनी नायडू
[C] मदन मोहन मालवीय
[D] जवाहरलाल नेहरू
[B] सरोजिनी नायडू
Q.5: गाँधी-इर्विन समझौता मुख्य रूप से-
[A] गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए
[B] सविनय अवज्ञा आंदोलन समाप्त करने के लिए
[C] गाँधी जी द्वारा किया गया आमरण अनशन तोड़ने के लिए
[D] नमक पर कर समाप्त करने के लिए
[A] गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए
Q.6: निम्नलिखित में से किसने गाँधी-इर्विन समझौता में महात्मा गाँधी के लाभ को सांत्वना पुरस्कार कहा था ?
[A] एलन कैम्पबेल जॉनसन
[B] एस सी बोस
[C] बी जी हार्निमन
[D] सरोजिनी नायडू
[A] एलन कैम्पबेल जॉनसन
Q.7: गाँधी-इर्विन समझौता के हस्ताक्षरित होने में किसने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी?
[A] मोतीलाल नेहरू
[B] सी. रामगोपालचारी
[C] मदन मोहन मालवीय
[D] तेज बहादुर सप्रू
[D] तेज बहादुर सप्रू
Q.8: भारतीय स्वाधीनता संघर्ष से संबंधित निम्नलिखित घटनाओं को उनके सही क्रम में रखकर सही कूट चुनिए-
1. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कराची अधिवेशन
3. भगत सिंह को फांसी
4. गाँधी-इर्विन समझौता
[A] 1 2 3 4
[B] 2 3 1 4
[C] 4 3 2 1
[D] 3 4 2 1
[C] 4 3 2 1
Q.9: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से संबंधित निम्नलिखित घटनाओं को पढ़े-
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कराची अधिवेशन
2. राजगुरु को फांसी
3. गाँधी-इर्विन समझौता
घटनाओं का सही कालानुक्रम नीचे दिए गए कूट से पता करें
[A] 3 2 1
[B] 1 2 3
[C] 2 3 1
[D] 1 3 2
[A] 3 2 1
Q.10: भारतीय स्वाधीनता संग्राम से संबंधित निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिए-
1. गाँधी-इर्विन समझौता
2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कराची अधिवेशन
3. भगत सिंह की फांसी
4. पूना समझौता
नीचे दिए गए कूट से घटनाओं का सही कालानुक्रम पता करें
[A] 1 3 4 2
[B] 1 2 3 4
[C] 4 2 3 1
[D] 1 3 2 4
[D] 1 3 2 4
Q.11: निम्नलिखित में से किसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन का सभापतित्व किया था ?
[A] जवाहरलाल नेहरू
[B] जे एम सेन गुप्ता
[C] सुभाष चंद्र बोस
[D] सरदार वल्लभभाई पटेल
[D] सरदार वल्लभभाई पटेल
Q.12: निम्नलिखित में से किसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन (1931) को ‘महात्मा गाँधी की लोकप्रियता और सम्मान की पराकाष्ठा माना है’?
[A] सुभाष चंद्र बोस
[B] पट्टाभि सीतारमैय्या
[C] सरदार वल्लभभाई पटेल
[D] सरदार किशन सिंह
[A] सुभाष चंद्र बोस
Q.13: 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन के लिए, जिसकी अध्यक्षता सरदार बल्लभ भाई पटेल कर रहे थे, किसने मूल अधिकारों तथा आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प प्रारूपित किया था ?
[A] महात्मा गाँधी
[B] पंडित जवाहरलाल नेहरू
[C] डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद
[D] डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
[B] पंडित जवाहरलाल नेहरू
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